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लंबी समय का निवेश करने से पहले...............................

लंबी समय का निवेश करने से पहले...............................

        जो लोग दीर्घकालीन निवेश करते हैं, वो हमेशा बहुत भरी मुनाफा कमाते हैं. लेकिन आपके दीर्घकालीन मुनाफे की सफलता आपके ‘अंदर के शत्रु’ और ‘भावनिक जाल’ इसपर कैसे कंट्रोल पते हैं इसपर निर्भर रहता हैं. डॉक्टर डँन एरियल आपने Predictable Irrational” इस किताब में लिखते हैं की अगर आदमी ने अपने अन्दर के शत्रू भाप लिए तो उसका सामना करनेका तरीका भी ढूंड लेता हैं. इसप्रकार से जान कर समज कर निर्णय लेने वाला निवेशक कोईभी गलती ना करके किसी भी गड़बड़ी में होश खोये बिना उज्ज्वल निर्णय लेता हैं.
      और एक अन्दर का शत्रु हैं अति आत्मविश्वास. हम हमेश अपनी क्षमता, ज्ञान इनकों अतिमहतम मानते हैं. चोबीसो घंटे चलने वाले न्यूज़ चैनल देख कर हम खुदको बहुत ग्यानी समजने लगते हैं. और कोई भी विचार परामर्श न किए निर्णय लेते हैं. इसी आत्मविश्वास से हम बहुत जादा ट्रेडिंग करते हैं, और इसमें से बहुत सारे ट्रेड गलत साबित होते हैं. परिणाम हम घाटे में जाते हैं. एक सफल निवेशक को इतना समजदार होना चाहिए की, जिसमे फायदा हो रहा हैं उस निवेश को जल्दबाजी में न बेचे नहीं और जिसमे घाटा हो रहा हैं उस निवेश को जल्द से जल्द बेचे. बहोत सारे लोग इसके बिलकुल उल्टा करते हैं. अगर निवेश में थोडा भी मुनाफा हो जाता हैं तो मुनाफा बांध कर निकल जाते हैं . और अगर घाटा हो जाता हैं तो घबराके बने रहते हैं क्यूंकि घाटा जादा होता हैं और ये बात हजम नहीं होती .
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     एक रिसर्च से ये सामने आया हैं की, लोग सिर्फ जल्दबाजी में २० से ३० गुना मुनाफा गवा देते हैं. जल्दबाजी हम बिना कुछ जादा सोचे समजे निर्णय लेते हैं इसकी वजह से हमें जो जादा मुनाफा हो सकता था, इसके लिए हम रुखते नहीं हैं. फिर कुछ देर बाद हमें समज में आता हैं की गलती हो गयी हैं हम और मुनाफा कम सकते थे और अपने आप को कोसते रहते हैं. वारेन बफेट ने कहा हैं, बहोत छोटी छोटी गलतिया आपको ले डूब सकती हैं. एक बड़ा काम करने से अच्छा हैं की बहुत जादा छोटे कम करो.
      हमेशा याद रखो की लंबी अवधी का निवेश एक प्रोसेस हैं जिसमे कभी कभी कम समय के लिए शेयर का प्राइस गिर जाता हैं. तो इसमें घबराने की कोई आवशकता नहीं होती हैं. अगर कंपनी के फंडामेंटल आच्छे हैं तो शेयर प्राइस जरुर बढेगा. गिरावट आपको अपना निवेश बढाने का अवसर देता हैं ये हमें समजना होगा. बहोत सारे लोग छोटी अवधी की गिरावट में घबरा जाते हैं और अपने शेयर्स बेच देते हैं. उन लोगोको थोडी ही दिन में आपनी गलती का एहसास हो जाता हैं.  याद रखे गलतिया हमें बहुत कुछ सिखाती हैं

शेयर मार्किट में इसपे ध्यान दे.

     १.    शेयर खरीद ते समय या बेचते समय चेकलिस्ट रखे.
     २.    बहोत सारे कंपनी के शेयर लेने के बजाय उस कंपनी के शेयर लो, जिन कंपनी का करोभार आपको समज       आये.
     ३.    “ खरीद लो और भूल जावो” इस धोरण का अवलम्बन करना चाहिए और समय के साथ अपने निर्णय        का फॉलोअप ले ना चाहिए. आप जितने मार्किट में अप- डाउन देखेंगे और आपका पोर्टफोलिओ चेक          करोगे उतनेही समजदार बानोगे.
     ४.    लंबी अवधि के निवेश करने से पहले जरुर आछे से सोच ले. अगर आप दस साल तक निवेशित रहना         चाहते हैं और अगर आप को मार्किट मे गड़बड़ी दिख रही हैं तो सही समय का इंतज़ार कीजिये. सोचा            समजा निवेश हमेशा लम्भी अवधी में बहुत अच्छा मुनाफा देता हैं.
     ५.  आपके निवेश का योग्य वितरण करना आवश्यक हैं. समय समय पर पोर्टफोलियो मैं बदलाव जरुर करे.
    ६. अपनी गलतियों से सीखे. जब आप मार्किट में प्रॉफिट कमाते हो तो हम प्रॉफिट क्यों कम सके और हमें           घाटा हुवा तो क्यों इसका विचार करना आवश्यक हैं. इससे हमें हमारी गलातियौका एहसास हो जायेगा.         और गलतिया हम कैसे सुधर सकते हैं इसका भी अंदाजा आ जायेगा.
     ७.    मार्किट में लम्भी समय तक निवेशी रहने के लिए SIP का इस्तेमाल करे

SIP की चर्चा हम आनेवाले पोस्ट में करंगे.

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