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स्टॉक मार्किट मैं निवेश के लिए शेयर्स कैसे चुने.

स्टॉक मार्किट मैं निवेश के लिए शेयर्स कैसे चुने.


स्टॉक मार्किट मैं लगभग ७००० कम्पनीज लिस्टेड हैं. उनमे से कुछ कम्पनीज अच्छा परफॉरमेंस दिखाती हैं तो कुछ कम्पनीज मैं दिक्कत हैं. जो कम्पनीज अच्छा परफॉर्म कर रही हैं तो स्वाभाविक हैं उन कम्पनीज के शेयर्स भी भागेगे, और जिस कम्पनीज मैं कुछ दिक्कत हैं उनके शेयर्स की किंमत बढ़ नहीं रही हैं. इसलिए कोई भी कंपनी मैं निवेश करने से पाहिले कुछ बाते हमेशा याद रखनी जरुरत हैं. जिस के कारण आपका निवेश सुरक्षित रहे और आपको मुनाफा भी हो.

INVESTEMENT


कंपनी क्या बिजनेस करती हैं.

किसी भी कंपनी मैं निवेश करनेसे पहले वो कंपनी क्या करती हैं ये पता करना जरुरी हैं. कंपनी क्या बनती हैं, उस चीज का डिमांड कितना हैं. उसका प्राइस कितना हैं, उस प्रोडक्ट किससे बहता हैं, उस प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने वालो की औसत लगभग कितनी हैं, सबसे महत्वपूर्ण वो प्रोडक्ट कितना पोपुलर हैं इस सब चीजो का विचार हमें करना जरुरी हैं.

कंपनी की बैलेंस शीट

किसीभी कंपनी की बैलेंस शीट उस कंपनी की आर्थिक स्थिती दर्शाती हैं. बैलेंस शीट मैं कंपनी की तात्कालिक सम्पति(Current Assets) स्थायी सम्पति(Fixed Assets)  कंपनी का निवेश ( Company investments ) तत्कालीन देनदारी ( Current Liberalities ) नगद ओर बैंक मैं जमा पूंजी (Cash & Bank Balance ) कंपनी पर अगर कोई लोन हैं(Debt) इस सबकी जानकारी मिलती हैं. इसलिए निवेश करने से पाहिले कंपनी की बैलेंस शीट का अभ्यास करना जरुरी हैं.

कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड

निवेश करने से पहले कंपनी ने पिछले कई सालो मैं कितनी तर्रकी की हैं ये जानना जरुरी होता हैं.कभी कभी ऐसा भी होता हैं की हम जिस कंपनी मैं निवेश करते हैं और कंपनी किसी विवाद से जुडी होती हैं. तो इसी मामले मैं वो विवाद जब तक सुलजा नहीं जाता तब तक कंपनी आच्छी तरह से आगे नहीं बाद पाती. इसलिए कंपनी मैं विवेश करनेसे पहले उस कंपनी का ट्रैक रिकॉर्ड देखना जरुरी हैं

कंपनी प्रबंधक की भूमिका (Company Management)

किसीभी कंपनी के सफलता मैं उस कंपनी के मैनेजमेंट का बहुत बड़ा हात होता हैं. अगर कंपनी का मैनेजमेंट अच्छा हो तो कंपनी का मुनाफा अच्छा रहता हैं हैं और आच्छी तरह आगे बदती हैं. कंपनी मैं निवेश करनेसे पहले उस कंपनी के मैनेजमेंट की पूरीतरह से जानकारी लेना आवश्यक हैं.

कंपनी पर कर्जा

कंपनी पर कर्जा होना बुरी बात नहीं हैं पर कंपनी की मैनेजमेंट ओ कर्जा चुकता करती हैं की नहीं, किस तरह से कंपनी कर्जा चुकता करती हैं, अगर कोई नया कर्जा लिया हैं तो उस राशी का उपयोग कंपनी किस तरह से करती हैं ये बाते भी समाज लेना बहोत जरुरी हैं.

कंपनी कितना डिविडेंड देती हैं.

 डिविडेंड का मतलब लाभांश होता हैं.कंपनी को जो भी मुनाफा होता हैं उस मुनाफेको कंपनी अपने भागधारकको (Share holders)  समान रूप से बटती हैं. अगर कंपनी फायदे मैं हैं तो जरुर डिविडेंड देती हैं. कंपनी मैं निवेश करनेसे पहले कंपनी  डिविडेंड कितना  देती हैं ये भी जानना जरुरी हैं.

कंपनी के भविष्य का अवलोकन

कंपनी भविष्य मैं कैसे बढ़ेगी इसका अवलोकन करना जरुरी हैं. कंपनी भविष्य का अवलोकन उस कंपनी के मैनेजमेंट, प्रोडक्ट की क्वालिटी, प्रोडक्ट की उपयोगिता , उसकी किमत इसपर निर्भर करती हैं. तो इस बात पर भी ध्यान देना आवश्यक हैं. 

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