म्यूच्यूअल फण्ड ( भाग ३)
म्यूच्यूअल फंड्स के विभिन्न प्रकार
म्यूच्यूअल फण्ड क्या हैं ये तो हमने जान
लिया हैं. इस पोस्ट मैं हम इस मुताल फंड्स के विभिन्न प्रकारों की चर्चा करंगे. सभी
म्यूच्यूअल फंड्स का वर्गीकरण दो प्रकार मैं हैं.
१ निवेश के उद्देश से जुड़े प्लान २ रचना के अनुसार
निवेश के उद्देश से जुड़े प्लान
इस प्रकार के प्लान मैं
निवेशक के जरूरतों का ध्यान रखा जाता हैं. जिसमे बहुत सारी योजनाए हैं. जिसमे से
प्रमुख योजनाए की चर्चा हम इस पोस्ट मैं करेगे.
इक्विटी योजना (Equity Schemes)
इस प्रकार के फंड्स मैं निवेषकोंकी राशी इक्विटीज मैं ( शेयर्स ) मैं की
जाती हैं. इस प्रकार की की योजनाये आज के ज़माने मैं बहुत ही लोकप्रय हैं. इस मैं
बहुत जादा फायदे के साथ बहुत जादा रिस्क भी होती हैं. लेकिन जब आप लंबी समय तक
निवेशित रहते हैं तो आपको बहुत ही अच्छा मुनाफा मिलता हैं.
कर
बचत योजना (Tax Savings Funds)
इस प्रकार की योजना मैं
किया गया निवेश रु. १५०००० तक सालाना आयकर धारा ८० – सी के तहत कर बचत के लिए
पात्र हैं. लेकिन इस प्रकार की योजना मैं आप ३ साल तक आपकी पूंजी निकल नहीं सकते. इस
प्रकार की योजनओ में आप एकमुश्त या SIP द्वारा निवेश कर सकते हैं.
डेब्ट
योजनायेँ (Debt Schemes)
इस प्रकार की योजना मैं आप अपना पैसा सरकारी रोखे (बांड्स), डिबेंचर्स, कम्पनीके व्दारा जारी किये
गए रोखे (बांड्स) और बैंक व्दारा जारी किये गए सर्टिफिकेटस ऑफ़ पेपर्स में निवेश
करती है. इन्हें डेब्ट सिक्युरिटीजभी कहा जाता है, इसपर
सुनिश्चित दरसे ब्याज की प्राप्ति होती है. ऐसे योजनामे सालाना ७% से १0% का आय प्राप्त होनेकी संभावना, योजना के स्वरूप के
अनुसार, होती है. ऐसे योजना में बहुतही कम जोखिम (रिस्क)
रहती है. इसमें
क्षेत्रिय
योजना (Sector Specific Schemes)
इस प्रकार की योजना मैं आप की पूंजी किसी अकेले क्षेत्र मैं निवेशित की जाती
हैं. इस प्रकारके फंड्स मैं बहुत जादा रिस्क के साथ फायदा भी बहुत हे जादा होता
हैं.
हायब्रिड
योजना – इक्विटी
और डेब्ट दोनों साधनों में निवेश करनेवाली योजनाए (Hybrid
Schemes)
इस प्रकार की योजना मैं आप की पूंजी इक्विटी और डेब्ट निवेशित की जाती हैं. इसमें कम
रिस्क के साथ रिटर्न्स भी कम हो सकते हैं.
गोल्ड
फंड्स – सोने
में निवेश करनेवाली योजनाए (Gold Savings or Gold
Exchange Traded Funds)
इस प्रकार की योजना मैं आप
की पूंजी सोने मैं निवेशित की जाती हैं.
२ रचना के अनुसार
ओपन–एंडेड फंड(Open-Ended Funds):
यह योजना निवेशकों को किसी भी समय फंड्स को बेचने या खरीदने
की अनुमति प्रदान करता है. असल इन फंड्स
में निवेशक जब तक चाहें निवेश करते हैं. इन फंड्स में निवेश
की कोई सीमा नहीं है। इसकी कोई निश्चित परिपक्वता तिथि नहीं है.
क्लोज–एंडेड फंड्स(Close-Ended Funds):
इस प्रकार की योजना में निर्धारित परिपक्वता अवधि है और
निवेशक फंड्स केवल नई फंड ऑफ़र अवधि के दौरान खरीद सकते हैं. इन म्यूचुअल फंड
शेयरों की मौजूदा कीमत पर शेयर बाजार के माध्यम से बचा जा सकता है क्योंकि इन म्यूचुअल फंड को म्यूचुअल फंड में नहीं बेचा जा सकता है.
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