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टेक्निकल इंडीकेटर्स क्या हैं

टेक्निकल इंडिकेटर एक ऐसा टूल है की इसके जरिये ट्रेडर्स किसी भी शेयर के आगे की प्राइस मूवमेंट, शेयर का मोमेंटम,ट्रेंड का अंदाजा जगा सकते हैं. जिसकी मदद से हम खरीदारी या बिकवाली का निर्णय ले सकते हैं.
technical indicators

टेक्निकल इंडीकेटर्स के प्रकार.

जादातर टेक्निकल इंडीकेटर्स को प्रमुख दो प्रकार में विभाजित कर सकते हैं.
              १.    लिडिंग इंडीकेटर्स
              २.    लँगिंग इंडीकेटर्स

 लिडिंग इंडीकेटर्स

ये इंडीकेटर्स अपने नाम के तरह ही काम करते हैं. शेयर या बाजार ओवरबॉट हैं या ओवेरसोल्ड इसकी सूचना देता हैं. लिडिंग इंडीकेटर्स का उपयोग करके हम कब खरीदारी कानी हैं और कब बिकवाली करनी हैं इसका अंदाजा लगा सकते हैं. लिडिंग इंडीकेटर्स जादा मात्रा में ट्रेडिंग सिग्नल पैदा करते हैं इसलिए इसे लंबी समय के चार्ट पर स्टडी करे तो बहोत लाभदायक होते हैं. लंबी समय के चार्ट पर (वीकली या मंथली ) अगर हमें ओवरबॉट सिंगल मिलता हैं तो हमें बिकवाली करनी चाहिए और ओवेरसोल्ड सिग्नल मिलता हैं तो खरीदारी करनी चाहिए.

             प्रसिद्ध लिडिंग इंडीकेटर्स

    1.   रिलेटिव स्ट्रेन्थ इंडेक्स (RSI)
    2.  स्टोकेस्टिक ओसिलेटर ( Stochastics )

लिडिंग इंडीकेटर्स के फायदे

       1.   लिडिंग इंडीकेटर्स के मदद से हमें खरीदारी या बिकवाली का सिग्नल पहलेसे ही मिलता हैं.
       2.   बड़ते बाजार में शेयर जभी ओवरबॉट होता हैं तब बिकवाली की संधी मिलती हैं.
       3.   कमजोर बाजार में शेयर जभी ओवरसोल्ड होता हैं तब खरीदारी की संधी मिलती हैं.

 लँगिंग इंडीकेटर्स

लँगिंग इंडीकेटर्स हमें ट्रेंड की जानकारी देते हैं. किसीभी शेयर में ट्रेंड क्या हैं, ट्रेंड कब बदल सकता हैं इसकी जानकारी लँगिंग इंडीकेटर्स देते हैं. भलेही ये इंडीकेटर्स प्राइस का अंदाजा नहीं दे सकते हैं लेकिन मार्किट कहा जा रहा हैं इसकी जानकारी हमें इससे मिलती हैं. लंबी समय के चार्ट पर (वीकली या मंथली) ये बहोत ही अच्छी तरह से कम करता हैं. जो लोग लंबी समय तक निवेशित रहना चाहते हैं या जो लोग स्विंग ट्रेडिंग कतरे हैं उनके लिए ये इंडिकेटर बहोत कारगर सिद्ध होते हैं.

                प्रसिद्ध लँगिंग इंडीकेटर्स

                1.मूविंग अॅवरेज ( Moving Avarage)
                2.एमएसीडी (MACD)

लँगिंग इंडीकेटर्स के फायदे

       1.    लँगिंग इंडीकेटर्स हमें मार्किट का ट्रेंड की जानकारी देते हैं.
       2.    लँगिंग इंडीकेटर्स अप ट्रेंड या डाउन ट्रेंड दोनोही ट्रेंड में संकेत देते हैं.      
3    3.    साइड वे मार्किट मे लँगिंग इंडीकेटर्स संकेत नहीं देते और अगर देते भी हैं तो वो संकेत बहोत कमजोर होते हैं.









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